शायरी:-प्यार भी अजीब होता है


शायरी
प्यार भी अजीब होता है
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आज़ाद छोड़ दो अपने प्यार को
उसका भी कोई सपना होगा
मिल जाय तो अपना मानलो
न मिले तो सपना मानलो

कोई प्यार पाके रोता है
कोई प्यार पाने को रोता है
जिस प्यार मे बिस्वास न हो
ओह प्यार प्यार नहीं होता है
ओह प्यार प्यार नहीं होता है

उसकी मर्जी से जीने दो
अपने प्यार को
फिर देखना प्यारमे
कितनी खुसी खिलती है
प्यार जबर जस्ती नहीं मेरे दोस्त 
प्यार किस्मत से मिलती है
प्यार किस्मत से मिलती है

कोई प्यार पाके रोता है
कोई प्यार पाने को रोता है
क्या चीज बनाया प्यार
बनाने वाले ने जिसको मिला
ओह भी रोता है
जिसको न मिला ओह भी रोता है

जिसको मिला ओह दिन रात
रोता है
जिसको न मिला ओह उसके
यादमे खोता है
सचमे ऐ प्यार भी बड़ा अजीब
होता है
सचमे ऐ प्यार भी अजीब होता है

लेखक
मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम

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