शायरी--हम दोनो बिछड़ गए तेरे



शायरी
हम दोनो बिछड़ गए तेरे
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बहुत आगे निकल गयी तू
हम तेरे प्यार में पिछड़ गए
नसीब में नहीं था सायद हम
दोनो बिछड़ गए तेरे
जाने क्यों समज न पायी तू
मेरे आँखों में जो नमी था
बदल देते खुदको अगर बोलती 
मेरा प्यार में कुच कमी था
सोचा न था कभी मुझे छोड़के
तू किसी और को प्यार जताएगी
याद रखना एकदिन तुझे मेरी
याद बहुत सताएगी
मेरी याद बहुत सताएगी 
जाने क्यों समज न पायी तू
मेरे आँखों में जो नमी था
बदल देते खुदको अगर बोलती 
मेरा प्यार में कुच कमी था
बहुत आगे निकल गयी तू
हम तेरे प्यार में पिछड़ गए
नसीब में नहीं था सायद हम
दोनो बिछड़ गए तेरे
नसीब में नहीं था सायद हम
दोनो बिछड़ गए तेरे



लेखक
मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम

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