कविता-अपना लक्ष्य
अपना लक्ष्य
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दुनिया की बातो में चलेंगे तो
खुदका लक्ष्य भूल जायेंगे
कुछ अच्छा करनेका सोचके देखो
रास्ते हज़ारो खुल जायेंगे
रास्ते हज़ारो खुल जायेंगे
आप उतना ही आगे बढ़ेंगे जितना
बड़ा सपना सजायेंगे
दुनिया वालो की तो आदत है
आप हार गए तो गाली और
जित गए ताली बजायेंगे
अच्छाई और सच्चाई जहा हो
हमें उसी रास्ते चलना है
गलतिया हज़ारो करलो पर कभी
किसीका गलत नहीं करना है
न किसीसे लड़ना है न किसीसे डरना है
डराने वाले बहुत मिलेंगे तुमें
हिम्मत से आगे बढ़ना है
हिम्मत से आगे बढ़ना है
कुछ अलग करके देखो दुनिया
तुमसे लड़ेंगे दुनिया तुमसे जलेंगे
जिस दिन तुम जित गए देखना
दुनिया तुम्हारे पीछे पीछे चलेंगे
दुनिया तुम्हारे पीछे पीछे चलेंगे
दुनिया की बातो में चलेंगे तो
खुदका लक्ष्य भूल जायेंगे
कुछ अच्छा करनेका सोचके देखो
रास्ते हज़ारो खुल जायेंगे
रास्ते हज़ारो खुल जायेंगे
लेखक
मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम
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