शायरी:-कहागया ओह प्यारा रिस्ता
शायरी
कहा गया ओह प्यारा रिस्ता
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टेलीग्राफ पोस्टकार्ट का जवाना छोड़
आज इंटरनेट का दुनिया होगया
जबसे इंटरनेट आया माँ बाप दोस्त
भाई बहन का प्यार नजाने कहा खोगया
अपनों का प्यार नजाने कहा खोगया
चूले के सामने बैठके करने वाले मीठी मीठी बाते
ना जाने आज कहा खोगया
देखते देखते दुनिया क्या से क्या होगया है
देखते देखते दुनिया क्या से क्या होगया है
बूड़े जवान हो या बच्चे सब मोबाइल की
दुनिया में खोगये
व्हाट्सप्प फेसबुक से तो जुड़ गए
हम सब लेकिन दिलके रिश्ते दूर होगए
दिलके रिश्ते से दूर होगए
टेलीग्राफ पोस्टकार्ट का जवाना छोड़
आज इंटरनेट की दुनिया होगया
व्हाट्सप्प फेसबुक पे दोस्ती करते करते
पता भी न चला दिलका रिस्ता कहा खोगया
देखते देखते दुनिया क्या से क्या होगया
देखते देखते दुनिया क्या से क्या होगया
बचप्पन में जब माँ लोहरी गातीथि
हम उनको प्यारसे सुनते सुनते सो जाते थे
कहा गयी आज ओह प्यारी माँ की मीठी लोहरी
आज की माँ तो साम होते ही
मोबाइल की दुनियामे खोजाते है
आज की माँ मोबाइल की दुनियामे खोजाते है
टेलीग्राफ पोस्टकार्ट का जवाना छोड़
आज दुनिया इंटरनेट का होगया
अपनों के साथ साथ दोस्तों का
प्यार भी कही और खोगया
दोस्तों का प्यार भी कही और खोगया
लौट के आजाए ओह बचप्पन है खुदा
ऐसा कुछ साधन जुटा दे
हाथ जोड़के बिनती है तुझे है खुदा
मुझे मेरा बचप्पन लोटादे
मुझे मेरा बचप्पन लोटादे
लेखक
मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम
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