शायरी-में तेरा बनजाउ


शायरी
में तेरा बनजाउ
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इतना तो हक़ दे मुझे में
दिल की बात कह पाउ
दिल चाहता है तू मेरी
और में तेरा बन जाउ
कितना अच्छा लगता
जब दोनो एक हो जाते     
दोनों एक होके एक
दूसरे के बाहो में सो पाते
कितनी हसींन रात होती ओह
हम दोनो एक दूसरे में खो जाते
कितनी ख़ुशी होती अगर
तू मेरे बच्चे की मम्मी
और में पाप्पा हो जाते
कितनी प्यारी मम्मी दिखती तू
जब लोरी गाके बच्चे को सुलाती
कितना ख़ुशी मिलता जब बच्चा
तुझे मम्मी और मुझे पाप्पा बुलाती
इतना तो हक़ दे मुझे
में दिल की बात कह पाउ
दिल चाहता है तू मेरी
और में तेरा बन जाउ
में तेरा बन जाउ



लेखक
मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम

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