शायरी:-फिर आयी तेरी याद
शायरी:-
फिर आयी तेरी याद
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मेरे लिए एकदिन तू
लव लेटर लिखतिथि
गुज़रताथा जबभी तेरे गल्लीसे
तो तू मुझे बेलकोनी से देखती थी
तू मुझे बेलकोनी से देखती थी
ऐैसे तू भूल गयी होगी
ए सब बहुत पुरानी बात है
वीडियो कॉल करती होगी
चाहने वाले को आजतो
4G मोबाइल तेरे साथ है
4G तेरे साथ है
जबसे चुराके लेगयी दिल मेरा
तबसे भूक लगता न
रात को नींद आती है
रोता हु तेरे यादोमे आज भी
सनम जबभी तेरी याद आती है
ओह दिन बहुत याद आती है
अनजान कहु या ना समज
तू सरारत बहुत करती थी
बात बात पर हर बात पर
तू मुझसे लड़तीथी
शायद तब तू मुझसे प्यार करतीथी
शायद तब तू मुझसे प्यार करतीथी
बहुत याद आता है ओह दिन
जब तू लव लेटर मुझे स्कूल की
खिड़की से देती थी
आज भी पड़ता हु ओह चिट्ठी
तो खो जाता हु तेरे याद में
सचमे तूने उसमे
क्या गजब शायरी लिखी थी
क्या गजब शायरी लिखी थी
जबसे चुराके लेगयी दिल मेरा
तबसे भूक लगता ना
रात को नींद आती है
रोता हु तेरे यादोमे आज भी
सनम जबभी तेरी याद आती है
ओह दिन बहुत याद आती है
ओह दिन बहुत याद आती है
लेखक
मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम
फिर आयी तेरी याद
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मेरे लिए एकदिन तू
लव लेटर लिखतिथि
गुज़रताथा जबभी तेरे गल्लीसे
तो तू मुझे बेलकोनी से देखती थी
तू मुझे बेलकोनी से देखती थी
ऐैसे तू भूल गयी होगी
ए सब बहुत पुरानी बात है
वीडियो कॉल करती होगी
चाहने वाले को आजतो
4G मोबाइल तेरे साथ है
4G तेरे साथ है
जबसे चुराके लेगयी दिल मेरा
तबसे भूक लगता न
रात को नींद आती है
रोता हु तेरे यादोमे आज भी
सनम जबभी तेरी याद आती है
ओह दिन बहुत याद आती है
अनजान कहु या ना समज
तू सरारत बहुत करती थी
बात बात पर हर बात पर
तू मुझसे लड़तीथी
शायद तब तू मुझसे प्यार करतीथी
शायद तब तू मुझसे प्यार करतीथी
बहुत याद आता है ओह दिन
जब तू लव लेटर मुझे स्कूल की
खिड़की से देती थी
आज भी पड़ता हु ओह चिट्ठी
तो खो जाता हु तेरे याद में
सचमे तूने उसमे
क्या गजब शायरी लिखी थी
क्या गजब शायरी लिखी थी
जबसे चुराके लेगयी दिल मेरा
तबसे भूक लगता ना
रात को नींद आती है
रोता हु तेरे यादोमे आज भी
सनम जबभी तेरी याद आती है
ओह दिन बहुत याद आती है
ओह दिन बहुत याद आती है
लेखक
मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम
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