कविता:- में आजकी मॉर्डन लड़की हु
कविता:-
में आजकी मॉर्डन लड़की हु
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हां में आजकी मॉर्डन लड़की हु
व्हाट्सप्प फेसबुक ट्वीटर
सबकुछ चलाती हु
घरका सारा काम करके फिर
बच्चो को ट्युशन पड़ाती हु
सर झुकाके नहीं में सर
उठाके अकेले चलती हु
में किसीसे नहीं डरति हु
क्योंकि में खुदकी कमाई करती हु
हा में खुदकी कमाई करती हु
आज में सभी लड़की को
एक सला देती हु धियांनसे
सुनो दोस्तों में क्या कहती हु
अभी हमें खूब पड़ना है
शादी के चक्करमें
अभी नहीं पड़ना है
क्योंकि हमें नारी सबसे
सकती साली बनना है
हमें किसी दरिंदो से नहीं डरना है
हमें अन्याय अत्तियाचार से लड़ना है
हमें देस के लिए कुछ करना है
बहुत सर झुकाके चली नारी
अब हमें सर उठाके चलना है
अब हमें सर उठाके चलना है
लेखक-:मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम
में आजकी मॉर्डन लड़की हु
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हां में आजकी मॉर्डन लड़की हु
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सबकुछ चलाती हु
घरका सारा काम करके फिर
बच्चो को ट्युशन पड़ाती हु
सर झुकाके नहीं में सर
उठाके अकेले चलती हु
में किसीसे नहीं डरति हु
क्योंकि में खुदकी कमाई करती हु
हा में खुदकी कमाई करती हु
आज में सभी लड़की को
एक सला देती हु धियांनसे
सुनो दोस्तों में क्या कहती हु
अभी हमें खूब पड़ना है
शादी के चक्करमें
अभी नहीं पड़ना है
क्योंकि हमें नारी सबसे
सकती साली बनना है
हमें किसी दरिंदो से नहीं डरना है
हमें अन्याय अत्तियाचार से लड़ना है
हमें देस के लिए कुछ करना है
बहुत सर झुकाके चली नारी
अब हमें सर उठाके चलना है
अब हमें सर उठाके चलना है
लेखक-:मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम
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