कविता-:सपना देखना जरुरी है
कविता-:सपना देखना जरुरी है
खुली आंख से सपना देखा जिसने
उसने अपनी मंजिल पायी है
देखना ही है सपना तो
कुछ बड़ा देखना चाइये
खुली आँख से जिसने देखा सपना
उसने अपनी मंजिल पाई है
उसने अपनी मंजिल पाई है
जिसमे हिम्मत होगी बड़े सपने देखने की
ओह ही दुनिया में कुछ बड़ा कर पाते है
होंगे जिसके बड़े सपने कुछ कर जाने की
ओइसे लोग चाय बेचते बेचते पीएम
बन जाते है होंगे जिसके बड़े सपने
ओह ही ऐसा काम कर पाते है
ओह इतिहास लिख जाते है
ओह इतिहास लिख पाते है
देखलो जितना बड़ा सपना देख सको
सपने देखने में किसका क्या जाता है
देखा सपना जिसने कुछ बड़ा करनेका
ओह चाय बेचते बेचते पीएम बन जाते है
सपने देखने वाले ही कुछ बड़ा कर पाते है
इतिहास लिख जाते है खुली आँखसे
सपने देखने वाले कुछ बड़ा कर जाते है
ओह इतिहास लिख जाते है ओह
इतिहास लिख जाते है
लेखक
मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम
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