में ही सचिन हु

 में ही सचिन हु
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पूरी दुनिया कहती है मुझे में
रन बनाने वाला मसीन हु
मशीन का तो पता नहीं
लेकिन हां में ही सचिन हु
कुछ करने बनने की सपना था
 दिन रात खेल खेलना सीखता था
लेकिन मैदान में जब खेलता था
सबको मेरा जादू दीखता था
कुछ करने बनने के लिए इंसान
न जाने कितना कुछ खोता है
जादू भी कोई ऐसे नहीं होता उसके
पीछे जादूगर का मेहनत छुपा होता है
ज़िन्दगी में इंसान को कभी हार
नहीं मान्ना चाइये
जिसने कुछ करने की ठानी है और
उसने हार नहीं मानी है
ओह सबने कामयाबी पाई है
इसलिए इंसान को कभी हार नहीं
मान्ना चाइये हार नहीं मान्ना चाइये
पूरी दुनिया कहती है मुझे में
रन बनाने वाला मसीन हु
मशीन का तो पता नहीं
लेकिन हां में ही सचिन हु
 हां में ही सचिन हु


लेखक मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम



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