शायरी-तुझे चाहने लगे हम
शायरी-तुझे चाहने लगे हम
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मिलजाय प्यार तेरा तो
घुटने के बल बैठजाओ
पानेको तेरा प्यार में
पटरियों पे लेट्जाऊ
एक झलक देखने को तुझे
तेरा गली रोज आता हु
अजमाके देख एकबार
तुझे कितना चाहता हु
तुझे पाने के खातिर
कुच भी कर जाऊंगा
न मिली अगर फिर भी तू तो
में जीते जी मर जाऊंगा
जीते जी मर जाऊंगा
तेरा एक झलक पानेको
सुबह साम तेरे गली आने लगा
हाथ में तस्बीर लेके तेरा
पूरी रात जागने लगा
खुदको मालूम न हुवा तुझे
इतना चाहने लगा
माँ से बोलके देख मेरे बारे में
हाथ मांगने घर आऊंगा
न हुवे राजी माँ बाप तो
तुझे भगा ले जाऊंगा
एक झलक देखने को तुझे
तेरा गली रोज आता हु
अजमाके देख एकबार
तुझे कितना चाहता हु
लेखक
मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम
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