कविता-आम से खास बन जायेगा
आम से खास बन जायेगा
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फ़िक्र न कर तू ऐ सोच के
कोई नहीं अभी तेरे साथ में
तू कुछ ऐसा तूफानी करले
एकदिन दुनिया होगी तेरे हाथ में
एकदिन दुनिया होगी तेरे साथ में
अभी तू आम है तुजे करना बहुत
काम है
दुनिया न कर पायी जो तू उस काम को
अंजाम दे तू उस कामको अंजाम दे
सच कह रहा हु अगर तू मेरा बात
मान जायेगा
देखना एकदिन तू आम से खास बन जायेगा
तू आम से खास बन जायेगा
खुला रख आँखे और दिल दुनिया को
देखते जा
जो भी होगा भला बुरा तू बास दिलमे
लिखते जा
दुनिया तुजे पागल कहेगी तू सबसे
अलग कुछ सीखते जा
दुनिया पड़ेगी तुजे एकदि इतिहास
कुछ ऐसा लिखते जा
कुछ ऐसा लिखते जा
तेरे हर बात मज़ाक लगेगी दुनिया तेरे
बातो से हस्ती है
हिम्मत न हार तू चिड़िया भी अपना
बिस्वास से डाली पे बस्ती है
बिस्वास से डाली पे बस्ती है
कितना भी मुस्किले आय कभी
किसीको नहीं कहना है
गुलाब जैसा खिलके काँटों के
बिच रहना है काँटों के बिच रहना है
ठोकरे खा खाके सीखते है सफल इंसान
कौनसा उप्पर से सबकुछ सिख आता है
सफलता उसी को मिलता है जो
गिर के फिर से खड़ा हो जाता है
फिर से खड़ा हो जाता है
फ़िक्र न कर तू ऐ सोचके
कोई नहीं अभी तेरे साथ में
तू कुछ ऐसा तूफानी करले
एकदिन दुनिया होगी तेरे हाथ में
एकदिन दुनिया होगी तेरे साथ में
लेखक
मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम
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