कविता:-बचप्पन की बात बहन के साथ



कविता
बचप्पन की बात बहन के साथ
Love you all sisters
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तुझे कुछ कहना चाहता हु
मेरी प्यारी बहना
दिन ठीक नहीं आज कल
तू ज़ारा सम्हाल के रहना
ज़ारा सम्हाल के रहना
तू मेरी प्यारी बहना में तेरा भाई
बहुत दिन बात आज फिरसे
तेरी याद आई
आज फिरसे तेरी याद आई
इतना काम होता है प्रदेश में
घरकी यादे भी भुला जाता है
लेकिन तेरी यादे रोज हमें
रुला जाता है तेरी यादे रुला जाता है
किसीको हर पल याद कर पाउ प्रदेश में
ऐसा मौका नहीं होता है
लेकिन जब बचप्पन की याद आती है
तो ऐ दिल बहुत रोता है
सचमे ऐ दिल बहुत रोता है
घरमे सरारत तू करती थी
मम्मी की डॉट मुझे पड़ती थी
बात बात पे हर बात पे तू मुझसे
लड़ती थी
एक चोकलेट के लिए रोज तू मुझे
ब्लैक मेल करती थी
ग़ुस्से से मम्मी घरसे मुझे भगाती थी
तो तूभी मेरे साथ चलती थी
आज सोचता हु तेरे बारेमे
सचमे तू मुझे कितना प्यार करती थी
तू बहुत प्यार प्यार करती थी
रोज सामको दूद के लिए
हम दोनों की झगड़ा होती थी
पाप्पा को आते देख तू चुप
चाप अंदर जाके सोती थी
पाप्पा मारे मुझे तो तू
मुझे पक्कड़के रोती थी
सचमे बचप्पन की यादे
कुच खाश होती है
ओह यादे आये तो आज भी
आँखे रोती है
तेरी याद बहुत रुलाती है
तू तो मेरी जान से भी प्यारी है बेहना
दिन ठीक नहीं आज कल
तू ज़ारा सम्हाल के रहना
ज़ारा सम्हाल के रहना

लेखक
मंजीत छेत्री
तेज़पुर असम

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